मेरी सबसे
बड़ी गलती ये है की मै एक लड़की हूँ मेरी दुसरी
सबसे बड़ी गलती ये है की मेरा इस दुनिआ में जन्म हुआ । जहां पर लड़कियों को हर पल डर
के रहना पड़ता है जहां पर समाज में
उसका कोई अधिकार नहीं है । और तो और कभी-कभी मैं जब माँ के कोख में रहती हूँ तभी
मुझे मार दिया जाता है । ऐसा क्यू होता है
मेरे साथ, क्यूकी मैं एक लड़की हूँ। बस मैं यही बोलना चाहती हु की मुझे जीना है इस
खूबसूरत दुनिया के साथ मेरा भी कुछ सपना है । मैं भी अपनी
जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहती हूं लेकिन मुझे ये समाज मेरा सपना पूरा करने नहीं
देता क्यूकी मैं एक लड़की हूँ मेरी यही सबसे बड़ी गलती है
ये समाज मुझे
बचपन से ही ठुकराते आया है जब मैं पैदा हुई तो मुझे मार दिया गया । अगर मैं बच भी
जाती हूं तो मुझे घर क अंदर छुपा के रखा जाता है ताकि मुझे इन गन्दी नजरो के सामने न आना पड़े । मैं भी स्कूल जाना
चाहती हू, पड़ना चाहती हु, दोस्तों के साथ खेलना चाहती हू, लेकिन ये समाज के लोग
मुझे कुछ करने नहीं देते क्यूकी
मैं एक लड़की हूँ मेरी यही गलती है
ये दुनिया और ये
समाज क्या करवाना चाहती है कुछ पता नहीं क्यूकी अगर मैं पुरे कपडे से अपना तन ढाकने की कोशिश करूँ तो लोग कहते है ये
देखो पुराने ज़माने की सोच , यदि मैं छोटे
कपड़े पहनु तो लोग कहते है ये मॉडन ज़माने की लड़की है इसे शर्म नहीं है क्या लोगो को
इतना ही अपना तन दिखने का शौक है तो कही और जाये, यहाँ तक कि मैं जो चीज ज्यादा ढाकने की कोशिश करती हु ये समाज के
लोग उन्हीं को ज्यादा घूरते है ऐसा मेरे साथ ही क्यू होता है क्यूकी मैं एक लड़की
हूँ यही मेरी गलती है
जब मेरी शादी
होती है तब भी मुझे बहुत सी
मुश्किलें सहना पड़ता है शादी के पहले जब
लड़का मुझे देखने आता है तो मुझे पसंद नहीं करता क्यूकी मेरा रंग अच्छा नहीं है काली हूँ । उसके बाद भी अगर शादी
करने के लिए तैयार होता है तो दहेज़ की मांग करता है और तो और शादी के बाद मुझे कुछ
भी अधिकार नहीं मिलता है मैं भी
अकेली घूमना चाहती हूँ, यदि मैंने किसी
अनजान व्यक्ति से थोड़ी सी बात भी कर ली तो लोग कहते है की मैं बदचलन लड़की हु ऐसा
मेरे साथ ही क्यू होता है
क्यू की मैं एक लड़की हूँ यही मेरी गलती है ।
कभी-कभी मैं
सोचती हूँ की काश मुझे कोई शक्ति मिल जाये तो मैं भी अपनी जिंदगी जी सकू मैंने भी
बहुत से सपने देखा है मैं भी उसे पूरा करना चाहती हूँ मुझे भी सपने देखने का अधिकार मिलना चाहिए मैं भी इस छोटी सी सी
दुनिया में सबके साथ उठना - बैठना चाहती हूँ सबके साथ कंधे से कंधा मिलकर चलना चाहती हु ।
बस आखरी में मैं
यही कहना चाहती हूँ उन सभी माँ-बाप से जो अपनी लड़की को इन गन्दी नजरो से बचाने के
लिए उनसे उनका अधिकार छीन लेते है बस आप
लोगो से यही कहना की अपनी बेटियों को चाँद की तरह मत बनाओ कि लोग उसे घूर के देखे
, बनाना है तो सूरज की तरह बनाओ ताकी लोग उसे घूरने से पहले अपनी नजरे झुका ले ।